INDO-BANGLADESH- बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर ने पीएम मोदी को फोन कर हिंदुओं की सुरक्षा का भरोसा दिलाया
16 अगस्त 2024 ढाका: बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी को आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में लोकतंत्र, स्थिरता और शांति की बहाली का समर्थन करता है।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया–
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए अपने भाषण में बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर लगातार निगरानी कर रहे हैं। बांग्लादेश में भारतीय हाई कमिश्नर ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के एडवाइजर से मुलाकात की और इस मुद्दे पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में वीजा पर सख्ती जारी रहेगी और इसे कानून व्यवस्था सामान्य होने के बाद ही वापस लिया जाएगा। फिलहाल, भारतीय नागरिकों को कॉन्सुलर सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन वीजा संबंधी प्रक्रियाओं पर प्रतिबंध लागू रहेगा।
बांग्लादेश में प्रशासनिक फेरबदल–
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, जापान, जर्मनी, UAE और मालदीव में तैनात अपने राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया है। ये राजदूत शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए थे। बांग्लादेश में 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के गठन के बाद से बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल हो रहे हैं।
UN की जांच टीम का दौरा–
बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम अगले सप्ताह ढाका पहुंचेगी। यह टीम प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और बाद में हुई घटनाओं की जांच करेगी।
भारत पर अमेरिका पर दबाव डालने का दावा–
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने एक साल पहले अमेरिका से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर नरम रुख अपनाने का आग्रह किया था। भारत ने यह तर्क दिया था कि अगर विपक्ष सत्ता में आता है, तो इससे बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों का प्रभाव बढ़ सकता है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन–
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बुलाने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। ढाका के शहीद मीनार पर हजारों की संख्या में छात्र जुटे और उन्होंने हसीना सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि शेख हसीना के शासन में हुए छात्र आंदोलनों में गोलीबारी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विदेश मंत्री का बयान–
बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा है कि अगर शेख हसीना भारत में रहकर बयान देती हैं, तो इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि हसीना के प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय गृह और कानून मंत्रालय पर निर्भर करेगा। अगर वे फैसला लेते हैं, तो बांग्लादेश सरकार भारत से शेख हसीना को वापस बुलाने का आग्रह करेगी।
अवामी लीग के समर्थकों पर हमला–
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर हमले हुए, जो देश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की बरसी मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। मुजीबुर्रहमान की हत्या 15 अगस्त 1975 को की गई थी, और हर साल इस तारीख को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। इस साल, हिंसा और झड़पों के डर से कई लोग घरों में ही रहे और शहर भर में दुकानें बंद रहीं।