RHUMI-1 भारत ने लॉन्च किया पहला हाइब्रिड रॉकेट: इसकी खासियतें और भविष्य की क्या होगी दिशा
24 अगस्त, 2024 नई दिल्ली-भारत ने अपने पहले हाइब्रिड रॉकेट ‘RHUMI-1’ का सफल परीक्षण करके एक और महत्वपूर्ण कदम अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ाया है। यह रॉकेट स्पेस जोन इंडिया द्वारा विकसित किया गया है और इसका सफल प्रक्षेपण चेन्नई से किया गया। इस लॉन्च के जरिए 50 PICO उपग्रहों और तीन क्यूब उपग्रहों को एक उपकक्षीय प्रक्षेपवक्र पर भेजा गया।
RHUMI-1: तकनीकी विशेषताएं और डिजाइन
RHUMI-1 रॉकेट को विशेष रूप से इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दो प्रकार के सॉलिड फ्यूल और लिक्विड ऑक्सीडाइजर का उपयोग करके कार्य करता है। इसके परिणामस्वरूप, रॉकेट में आग लगने का खतरा न्यूनतम हो जाता है। इसके अलावा, पैराशूट को खोलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल का उपयोग किया गया है, जिससे इसके पुनः उपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
पहले लॉन्च की चुनौती और इस बार की सफलता
फरवरी 2023 में RHUMI-1 का पहला लॉन्च हुआ था, लेकिन पैराशूट तैनाती की समस्या के कारण रॉकेट समुद्र में गिर गया था। इस बार, टीम ने इस समस्या से निपटने के लिए कई टाइमर सिस्टम शामिल किए, जिससे रॉकेट सफलतापूर्वक 35 किमी की ऊंचाई तक पहुंचकर वापस लाया जा सका।
RHUMI-1 के उपयोग के क्षेत्र
इस रॉकेट का प्रयोग न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए किया जाएगा, बल्कि यह कृषि, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी मदद करेगा। इसके उपग्रहों द्वारा एकत्र किए गए डेटा का उपयोग वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
भविष्य की योजनाएं
स्पेस जोन इंडिया का लक्ष्य भविष्य में दो-चरण वाले रॉकेट बनाने का है, जो 500 किलो तक का सामान ले जा सके। इसके अलावा, कंपनी संयुक्त अरब अमीरात के रेगिस्तान से लॉन्च की संभावनाएं भी तलाश रही है।
यह लॉन्च भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ता है और वैश्विक मंच पर देश की वैज्ञानिक क्षमता को और भी मजबूत बनाता है।