रिटायर्ड IAS मोहिंदर सिंह के बाद राकेश बहादुर पर कसा शिकंजा, IT रेड में मिले में मिले 100 करोड़ की प्रॉपर्टी के सुराग
- रिटायर्ड IAS राकेश बहादुर पर आयकर विभाग की कार्रवाई: 100 करोड़ की संपत्ति में साझेदारी के सबूत मिले
- सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में बढ़ती कानूनी कार्रवाई; मोहिंदर सिंह के बाद राकेश बहादुर की संपत्तियों की जांच जारी
26 अक्टूबर 2024, नोएडा – सरकारी धन के दुरुपयोग में संलिप्त अधिकारियों पर सेवानिवृत्त होने के बाद कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। आयकर विभाग ने रिटायर्ड IAS राकेश बहादुर के घर पर छापेमारी की, जिसमें 100 करोड़ रुपये की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। उनसे गहन पूछताछ चल रही है।
स्मारक घोटाले में पहले रिटायर्ड IAS मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी, जिसके बाद अब राकेश बहादुर के घर पर आयकर विभाग की टीम ने कार्रवाई की है। छापेमारी में लखनऊ के एक बिल्डर के साथ 100 करोड़ रुपये की संपत्ति में साझेदारी के दस्तावेज मिले हैं।
सरकारी धन को लूटकर अरबपति बने अधिकारियों पर अब रिटायरमेंट के बाद कानूनी शिकंजा कसने लगा है। गुरुवार से शुरू हुई यह छापेमारी शुक्रवार दोपहर तक जारी रही।
राकेश बहादुर के घर से लखनऊ के बिल्डर के साथ 100 करोड़ रुपये की संपत्ति में साझेदारी के दस्तावेजों की बरामदगी हुई। 36 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ में राकेश बहादुर ने आय के स्रोत के बारे में कोई जानकारी देने के बजाय वकील की मदद की गुहार लगाई।
इस छापेमारी के संदर्भ में, पूर्व IAS राकेश बहादुर का नाम सरकारी धन की लूट के खेल में सामने आया है, जो कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण से जुड़ा हुआ है।
सरकारी धन की लूट के मामलों की जांच के दौरान, लखनऊ में MI बिल्डर्स के ठिकानों पर छापे में राकेश बहादुर का नोएडा आवास भी शामिल था। यहां करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं।
राकेश बहादुर, जो पहले बसपा और सपा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं, ने आयकर अधिकारियों की पूछताछ के दौरान वकील की मदद मांगी। उनकी संपत्तियों की जांच के लिए आयकर विभाग ने कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं।
आयकर विभाग की जांच के दौरान MI बिल्डर्स के संचालक मोहम्मद कादिर अली से भी राकेश बहादुर के कारोबारी रिश्तों के बारे में सवाल किए गए। शुक्रवार दोपहर तक दोनों के बीच 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिल चुके थे।
हाई कोर्ट ने पश्चिमी यूपी में तैनाती पर लगाई थी रोक
राकेश बहादुर पर पहले भी आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं। नोएडा भूमि घोटाले में फंसने के कारण उनके खिलाफ सीबीआई ने जांच की थी। हाई कोर्ट ने उन्हें पश्चिमी यूपी से दूर रखने का आदेश दिया था, लेकिन फिर भी उन्हें वहां तैनात किया गया।
अमर सिंह से करीबी रिश्ते
मुलायम सिंह के खास रहे अमर सिंह के करीबी रिश्ते के कारण नोएडा में मनचाही तैनाती मिली उस दौरान भी भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे लेकिन सरकार मे पहुंच के कारण वह बच निकले
माफिया अतीक अहमद विवाद
एक बार जांच के चलते, राकेश बहादुर का नाम माफिया अतीक अहमद से भी जुड़ चुका है, जिसने उनके आवास पर आकर अतीक अहमद ने गाली-गलौज और धमकी दी थी, लेकिन अतीक की मुलायम सिंह से नजदीकी के कारण राकेश बहादुर को इस पूरे वापये का मन मार कर नजरंदाज करना पडा था.