RAHUL IN USA- राहुल गांधी के आरक्षण के बयान पर घिरी कांग्रेस ,डैमेज कंट्रोल मे जुटी
11 सितंबर 2024 – अमेरिका में राहुल गांधी के आरक्षण और जाति पर हालिया बयानों ने कांग्रेस के लिए एक नई समस्या खड़ी कर दी है। जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भारत में आरक्षण के भविष्य पर टिप्पणी की, जिससे ऐसा संकेत मिला कि कांग्रेस आरक्षण को समाप्त करने पर विचार कर रही है। हालांकि, राहुल गांधी का कहना है कि उनका इरादा ऐसा नहीं था। उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर उन आरोपों के संदर्भ में कि कांग्रेस आरक्षण को समाप्त करने की योजना बना रही है।
जाति के आंकड़ों पर विवाद
राहुल गांधी के जाति आधारित आंकड़ों पर लगातार बयान दिए जा रहे हैं, जो अक्सर विवादित हो जाते हैं। वे भारत में जाति जनगणना, जातियों की राजनीति, और उनके मीडिया और व्यापार में प्रतिनिधित्व पर चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगियों की जाति के बारे में सवाल उठाया। अमेरिका में भी उनकी बातचीत का केंद्र जाति और धर्म रहा है, लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत आंकड़े सवालों के घेरे में हैं। राहुल गांधी का दावा है कि भारत में 73% लोग पिछड़े वर्ग, दलित, या आदिवासी हैं, जबकि जाति जनगणना के कोई आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कर्नाटक में जाति जनगणना के आंकड़े भी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
आरक्षण पर घिरी कांग्रेस की सफाई
बसपा प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को कांग्रेस की पुरानी नीति के साथ जोड़ते हुए चेतावनी दी कि जातिवाद समाप्त नहीं होता है, तब तक आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।
प्रसिद्ध पत्रकार दिलीप मंडल ने राहुल गांधी की तुलना नेहरू और राजीव गांधी से की, जो आरक्षण के विरोधी थे। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भी राहुल गांधी के बयान को उनके संविधान रक्षा के दावों के खिलाफ बताया।
कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल
राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान होने की संभावना है। कांग्रेस ने ‘डैमेज कंट्रोल’ की रणनीति अपनाते हुए यह स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं और इसे 50% की सीमा से आगे ले जाने के पक्षधर हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने ‘संविधान बचाओ – आरक्षण बचाओ’ का नारा दिया था, जिससे यह धारणा बनी कि बीजेपी सत्ता में आने पर आरक्षण समाप्त कर देगी। अब कांग्रेस को अपने बयान को स्पष्ट करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और आरक्षण से जुड़ी भ्रांतियाँ उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं।