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4th January 2025

Rahul and Priyanka Gandhi को संभल जाते समय यूपी बॉर्डर पर रोका गया, सड़क पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी

Rahul and Priyanka Gandhi को संभल जाते समय यूपी बॉर्डर पर रोका गया, सड़क पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली, 04 दिसंबर 2024: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी को संभल जाते वक्त यूपी बॉर्डर पर रोक लिया गया है। बॉर्डर पर भारी पुलिस तैनात की गई है, और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बुधवार को संभल (Sambhal) जाने की तैयारी कर रहे थे। वे हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलकर उनकी हालात का जायजा लेना चाहते थे, लेकिन उनका काफिला यूपी बॉर्डर पर रोक दिया गया। इस काफिले में कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल, केएल शर्मा, उज्जल रमन सिंह, तनुज पूनिया और इमरान मसूद भी शामिल थे। प्रशासन ने संभल में 10 दिसंबर तक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। दिल्ली के बॉर्डर पर भी पुलिस को मुस्तैद किया गया है और बैरिकेडिंग की गई है।

राहुल गांधी ने पुलिस से कहा, “पुलिस की गाड़ी में हम पांच लोगों को संभल ले चलिए।” इसके बाद राहुल ने पुलिस से यह भी कहा कि उन्हें अकेले संभल जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने कहा, “अगर हमें नहीं जाने देना चाहते हैं तो हमें रोक सकते हैं, लेकिन लोगों का रास्ता क्यों बंद कर रहे हैं?”

तनुज पूनिया ने कहा, “अगर आज नहीं जाने देंगे, तो हम बाद में जाएंगे, 10 तारीख के बाद जाएंगे।”

प्रियंका गांधी वाड्रा अपने आवास से निकल चुकी थीं, वहीं राहुल गांधी 10 जनपथ से निकलने की तैयारी में थे। यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा, “हम पांच लोग जाएंगे, 5 लोगों को तो परमिशन है। हम कोई सियासी रोटी नहीं सेंक रहे हैं, बल्कि हम संभल में हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।”

संभल में स्थिति को लेकर पुलिस ने अमरोहा, बृजघाट और गाजियाबाद में बैरिकेडिंग कर दी है, जिसके कारण रोड पर जाम की समस्या पैदा हो गई है। कांग्रेस के कार्यकर्ता गाजीपुर NH9 पर बैठ गए और ‘रघुपति राघव’ गा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार क्या छिपा रही है? सभी का मानना है कि संभल में हुई घटना प्रशासन की गलती थी।”

प्रशासन की कड़ी निगरानी

संभल के जिला मजिस्ट्रेट (DM) राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि एक जांच आयोग हिंसा के कारणों की जांच कर रहा है और 10 दिसंबर तक बाहर से किसी भी राजनेता या सामाजिक कार्यकर्ता को शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इस दौरान संभल में धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके तहत एक स्थान पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते।

कांग्रेस का पलटवार

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने जिला प्रशासन के पत्र जारी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है और पुलिस तंत्र का दुरुपयोग है।”

संसद में भी उठ चुका है संभल का मुद्दा

अखिलेश यादव ने संसद में कहा, “संभल में जो हुआ वह सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। वहां का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है, और बीजेपी सरकार संविधान का सम्मान नहीं करती।”

आईये जानते है क्या है पूरा मामला?

संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के बाहर पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई थी, जब अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव था, और चार दिनों तक बाजार बंद रहे। पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने में लगी हुई है और अब तक 300 से ज्यादा आरोपियों के पोस्टर जारी किए जा चुके हैं।

यह घटना एक याचिका के बाद हुई, जिसमें हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद को एक मंदिर तोड़कर बनाया गया था। इसके बाद अदालत ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया, जिससे इलाके में हिंसा भड़क उठी।

By Admin

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