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22nd December 2024

Infosys -नारायण मूर्ति ने 12 साल के बच्चे को दी महत्वपूर्ण सलाह-मेरे जैसा बनने की बजाय खुद का मार्ग चुनो

Infosys -नारायण मूर्ति ने 12 साल के बच्चे को दी महत्वपूर्ण सलाह-मेरे जैसा बनने की बजाय खुद का मार्ग चुनो

4 सितंबर 2024, नई दिल्ली: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति को उनके कार्यों और दृष्टिकोण के लिए कई लोग आदर्श मानते हैं। उन्हें फॉलो करने की प्रेरणा पाने वाले लोग उनकी राह पर चलने की कोशिश करते हैं, लेकिन हाल ही में एक स्कूल कार्यक्रम में मूर्ति ने एक 12 साल के बच्चे को एक विशेष सलाह दी। उन्होंने बच्चे से कहा कि उसे उनके जैसे बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपनी खुद की दिशा तय करनी चाहिए और देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।

मूर्ति का यह बयान तब आया जब एक छोटे बच्चे ने उनसे पूछा कि उसके जैसा बनने के लिए उसे क्या करना चाहिए। नारायण मूर्ति ने तुरंत उत्तर दिया, “मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे जैसा बनो। मैं चाहता हूं कि तुम मुझसे बेहतर बनो और राष्ट्र की भलाई के लिए काम करो।” इस जवाब ने न केवल बच्चे बल्कि कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को चौंका दिया। मूर्ति ने इस अवसर पर अनुशासन के महत्व को भी उजागर किया और साझा किया कि कैसे उनके पिता ने उन्हें समय के महत्व के बारे में सिखाया। उन्होंने बताया कि यह अनुशासन उन्हें SSLC परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान प्राप्त करने में मददगार साबित हुआ।

मूर्ति ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया:

  1. असफलताओं की जिम्मेदारी लेना: नारायण मूर्ति ने कहा कि हमें अपनी असफलताओं की जिम्मेदारी पूरी तरह से लेनी चाहिए और सफलता के क्षणों को टीम के साथ साझा करना चाहिए। उन्होंने एक पेरिस यात्रा का उदाहरण दिया, जब एक प्रोग्राम की टेस्टिंग के दौरान गलती से पूरा कंप्यूटर सिस्टम डिलीट हो गया था। यह घटना बताती है कि असफलताओं को स्वीकार करना और उनसे सीखना कितना महत्वपूर्ण है।
  2. साझेदारी की खुशी: मूर्ति ने बताया कि किसी के साथ निस्वार्थ रूप से चीज़ें साझा करना बहुत खुशी का अनुभव होता है। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों का उदाहरण साझा किया, जब उन्हें स्कॉलरशिप मिली थी और उस पैसे से खरीदी गई कपड़ों की जोड़ी को उन्होंने अपने भाई को दे दी। इस कदम से उन्हें गहरी खुशी महसूस हुई।
  3. स्वतंत्र मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा: मूर्ति ने युवा छात्रों को अनुशासन, नेतृत्व, उदारता, जिम्मेदार नागरिकता, और टीमवर्क जैसे मूल्यों को अपनाते हुए अपना खुद का मार्ग बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कार्यों में राष्ट्र के हित को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।
  4. नागरिकता की शिक्षा: मूर्ति ने 1961 में SSLC कक्षा के दौरान मिले नागरिकता के पाठ का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे उनके प्रधानाध्यापक ने सामुदायिक संपत्तियों के प्रति जिम्मेदारी और सम्मान की शिक्षा दी, जिसने उनके इंफोसिस की स्थापना और संचालन के दृष्टिकोण को आकार दिया।

नारायण मूर्ति की यह सलाह और विचार न केवल प्रेरणादायक हैं बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी प्रकाश डालते हैं। उन्होंने अपने अनुभवों और शिक्षाओं के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि अपने व्यक्तिगत मार्ग को पहचानना और देश की सेवा करना सबसे महत्वपूर्ण है।

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