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22nd December 2024

बांग्लादेश में हिंसा के बीच भारत का कड़ा कदम, सभी वीजा केंद्र अनिश्चितकाल के लिए बंद

बांग्लादेश में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अपने सभी वीजा केंद्रों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही, दूतावास के अतिरिक्त कर्मचारियों और उनके परिवारों को वापस बुला लिया गया है।

08 अगस्त 2024 -बांग्लादेश में हाल ही में शुरू हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत सरकार ने अपने सभी वीजा केंद्रों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का फैसला किया है। भारतीय वीजा के लिए आवेदन करने वाले ऑनलाइन पोर्टल पर जारी किए गए बयान के अनुसार, “सभी भारतीय वीजा आवेदन केंद्र अगले आदेश तक बंद रहेंगे। बांग्लादेश में जारी अस्थिरता के चलते यह फैसला लिया गया है। आवेदन की अगली तारीख की जानकारी जल्द ही मैसेज के जरिए दी जाएगी। पासपोर्ट अगले कार्यदिवस पर लिया जा सकता है।”

भारत सरकार के इस फैसले ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और उन लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है जो भारत की यात्रा की योजना बना रहे थे। वीजा केंद्रों के बंद होने से उनके यात्रा कार्यक्रमों पर असर पड़ सकता है।

दूतावास के अतिरिक्त कर्मचारियों और उनके परिवारों को वापस बुला लिया गया है।

राजनयिकों और उनके परिवारों की वापसी:

बांग्लादेश में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार ने पहले ही बांग्लादेश स्थित दूतावास और महावाणिज्य दूतावास से अपने अतिरिक्त कर्मचारियों और उनके परिवारों को दिल्ली वापस बुला लिया था। इस फैसले के बाद ही भारत ने अपने वीजा केंद्रों को बंद रखने का निर्णय लिया। हालांकि, भारतीय उच्चायुक्त और अन्य प्रमुख कर्मचारी अभी भी बांग्लादेश में हैं और दूतावास सामान्य रूप से अपना काम कर रहा है। बांग्लादेश में भारत के एक उच्चायुक्त और चिटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में महावाणिज्यदूत कार्यरत हैं, जो स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

*बांग्लादेश में हिंसा का कारण:* 

बांग्लादेश में हिंसा की शुरुआत जुलाई 2024 में हुई, जब 1971 में देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के लिए तय किए गए आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। छात्रों और आम नागरिकों ने इस आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए, और धीरे-धीरे यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की, जोकि सरकार और सुरक्षा बलों के साथ कई जगहों पर हिंसक झड़पों में बदल गया।

यह विरोध प्रदर्शन इतने व्यापक और हिंसक हो गए कि 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। वर्तमान में शेख हसीना भारत में हैं। बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह घटनाक्रम तेजी से बदलते हालात की ओर इशारा करता है।

*अंतरिम सरकार का गठन:* 

बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इस अंतरिम सरकार के अंतर्गत अगले कुछ महीनों में चुनाव कराने की योजना बनाई गई है। मोहम्मद यूनुस, जो पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं, अब बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को संवारने की कोशिश करेंगे। उनके नेतृत्व में गठित अंतरिम सरकार का उद्देश्य देश में शांति बहाल करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सही दिशा में आगे बढ़ाना है।

*भारत की भूमिका और चिंता:* 

भारत ने बांग्लादेश के साथ सदियों पुराना सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध साझा किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंध हैं। लेकिन बांग्लादेश में बढ़ते अस्थिरता के कारण भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगी है। वीजा केंद्रों को बंद करने का फैसला इस बात का संकेत है कि भारत बांग्लादेश में स्थिति को लेकर कितना गंभीर है।

भारत ने अपने राजनयिकों और उनके परिवारों को वापस बुलाकर यह सुनिश्चित किया है कि अगर स्थिति और खराब होती है, तो भारतीय नागरिकों को तुरंत सहायता प्रदान की जा सके ।

By Admin

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